WHO ने भारत में बनी खांसी की दवा Cough Syrup को बताया दूषित, खराब हो सकता है गुर्दा

WHO ने भारत में बनी खांसी की दवा Cough Syrup को बताया दूषित, खराब हो सकता है गुर्दा
एक और Cough Syrup जो भारत में निर्मित है, उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठा है। दुनिया स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक मेडिकल अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि भारत में निर्मित एक कफ सिरप को दूषित माना गया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि एक भारतीय कंपनी के Cough Syrup के मार्शल आइलैंड और माइक्रोनेशिया में दूषित पाया गया है।
हालांकि, इस मेडिकल अलर्ट में डब्ल्यूएचओ ने यह नहीं कहा कि क्या भारत में बने कफ सिरप के कारण किसी की जान जाने का खतरा है। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का मानना है कि गुआइफेनेसिन सिरप टीजी सिरप के साथ ट्रेस मात्रा में डाइथलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल भी पाए गए हैं। इसका उपयोग मानवों के जीवन को खतरे में डाल सकता है। ऑस्ट्रेलियाई नियामक द्वारा ये रसायनों की पहचान की गई थी। 6 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को इस जानकारी के बारे में बताया गया था।
हालांकि, इस मामले में यूनियन जैसे ही WHO के ईमेल मिला, सूत्रों के अनुसार इस मामले में हरियाणा और पंजाब सरकारों को तुरंत कार्रवाई करने की सलाह दी गई थी।
पंजाब-हरियाणा कंपनी के नाम सामने आया
WHO ने सूचित किया है कि पंजाब की QP Pharmachem Limited कंपनी इस कफ सिरप का उत्पादन करती है। कंपनी ने एक हरियाणा स्थित कंपनी ट्रिलियम फार्मा के साथ सहयोग बनाया है, जो अन्य देशों में वितरण के लिए है। इस मामले में दोनों कंपनियों से इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला है। WHO ने सभी सदस्य देशों से अपील की है कि वे इस कफ सिरप का उपयोग न करें। WHO कहता है कि दोनों कंपनियों ने कफ सिरप की सुरक्षा और गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं दी है।
तीसरी बार गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए
यह पहली बार नहीं है कि भारत-बनाम दुनिया के बाकी देशों में बनी दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं। पहले से ही WHO ने दो बार चेतावनी जारी की है। भारत में विभिन्न निर्माताओं द्वारा बनाई गई सिरप से गाम्बिया यह एक भारत में बनाई गई खांसी दवा है जिसकी गुणवत्ता पर सवाल उठा है। एक मेडिकल अलर्ट जारी करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गई खांसी दवा को दूषित घोषित किया है। WHO ने कहा है कि मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में एक भारतीय कंपनी की खांसी की दवा का दूषित होना पाया गया है।
फिर भी, इस मेडिकल अलर्ट में WHO ने यह नहीं कहा कि भारत में बनी खांसी दवा के कारण कोई जीवन का नुकसान हुआ है। लेकिन, WHO का मानना है कि Guaifenesin Syrup TG Syrup के साथ ही Diethylene Glycol और Ethylene Glycol के खुराक के अतिरिक्त खांसी दवा में थोड़ी मात्रा में पाए गए हैं। इसका उपयोग मानवों की जान को खतरे में डाल सकता है। इन रसायनों की पहचान ऑस्ट्रेलियाई नियामक द्वारा की गई थी। 6 अप्रैल को, WHO को इस जानकारी के बारे में दी गई थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि, इस मामले में यूनियन स्वास्थ्य मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार, WHO यह पहली बार नहीं है कि भारत निर्मित दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं, जो विश्व फार्मेसी के नाम से जाने जाते हैं। पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो बार अलर्ट जारी किए थे। भारत में विभिन्न निर्माताओं द्वारा बनाई गई शीतल पदार्थ से गंभीर बीमारियों के कारण गांबिया, इंडोनेशिया और उज्बेकिस्तान में 300 से अधिक बच्चों की गुर्दे की समस्याओं से मौत हो गई थी। हालांकि, भारतीय नियामक संगठनों की जांच में इन दवाओं के बैच पूरी तरह से सुरक्षित पाए गए थे।
केवल कम्बोडिया को अनुमति मिली
बताया जा रहा है कि WHO द्वारा गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए कफ सिरप को भारत से केवल कम्बोडिया को भेजने की अनुमति मिली थी। फिर यह मार्शल आइलैंड और माइक्रोनेशिया तक कैसे पहुंचा? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह सिरप भारतीय बाजार में भी उपलब्ध है।